Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

डॉक्टरों के सामूहिक इस्तीफे पर बोलीं मायावती- बिना भेदभाव के काम करे सरकार

वाराणसी: बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा कि कोरोना महामारी काल में स्वास्थ्यकर्मियों की स्थिति काफी खराब है. उन्होंने मांग की है कि सरकार को व्यावहारिक नीति बनानी चाहिए और समुचित संसाधन देना चाहिए. उत्तर प्रदेश के वाराणसी में डॉक्टरों के सामूहिक इस्तीफे से हड़कंप मचा है. इस मुद्दे पर सियासत भी शुरू हो गई है. बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा कि कोरोना स्वास्थ्यकर्मियों की स्थिति काफी खराब है. उन्होंने मांग की कि सरकार को व्यावहारिक नीति बनानी चाहिए और समुचित संसाधन देना चाहिए.


मायावती जी ने कहा, 'यूपी में समुचित सुविधा के अभाव में जान जोखिम में डालकर कोरोना पीड़ितों की सेवा में लगे डाक्टरों पर सरकारी दबाव या धमकी से स्थिति बिगड़ रही है, जिस कारण ही वाराणसी में 32 स्वास्थ्य केंद्र प्रभारियों का इस्तीफा. सरकार बिना भेदभाव व पूरी सुविधा देकर उनसे सेवा ले तो बेहतर होगा.'

बीएसपी प्रमुख मायावती ने मांग की है कि केन्द्रों व निजी अस्पतालों में भी कोरोना स्वास्थ्यकर्मियों की स्थिति काफी खराब है, जिस कारण उन्हें आत्महत्या का प्रयास करने तक को मजबूर होना पड़ रहा है, जो अति-दुःखद. सरकार व्यावहारिक नीति बनाकर व समुचित संसाधन देकर सही से उसपर अमल करे, बीएसपी की यह मांग है.


क्या है पूरा मामला
बनारस में कोरोना की बिगड़ती स्थिति के बीच प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के बीच भी असहज स्थति सामने आने लगी. वाराणसी में कोरोना महामारी को लेकर जिला प्रशासन और चिकित्सा विभाग में आपसी सामंजस्य नहीं है. यही वजह है कि सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों ने बुधवार को अपना सामूहिक इस्तीफा दे दिया. सभी ने सीएमओ दफ्तर में सीएमओ डॉक्टर वीबी सिंह को इस्तीफा सौंपा. प्रभारी चिकित्साधिकारियों ने डिप्टी कलेक्टर पर धमकी देने का आरोप लगाया है.

प्रभारी चिकित्साधिकारियों ने डिप्टी कलेक्टर पर दबाव बनाकर कार्य करवाने का आरोप लगाया है. साथ ही प्रभारी चिकित्साधिकारियों ने एसीएमओ डॉक्टर जंग बहादुर की मौत पर भी सवाल उठाए. प्रभारी चिकित्साधिकारियों का आरोप है कि मृतक एसीएमओ डॉक्टर जंग बहादुर को बर्खास्त करने की धमकी दी जा रही थी.

Post a Comment

0 Comments