उत्तराखंड में बसपा पार्टी में एक बार फिर से बड़ा फेरबदल किया गया है बीएसपी तेज़ी के साथ अपने संगठन को मजबूत करती दिखाई पड़ रही है इस बार उत्तरखंड प्रदेश प्रभारी नरेश गौतम को प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी पूर्व सांसद बाबू मुनकाद को बनाया गया है। प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद नरेश गौतम ने कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव में बसपा बड़ी ताकत के रुप में उभरेगी। बसपा सुप्रीमो बहन मायावती जी ने प्रदेश अध्यक्ष पद पर पार्टी के प्रदेश प्रभारी रहे नरेश गौतम को जिम्मेदारी दी। अनुसूचित जाति के प्रदेश अध्यक्ष के साथ मुस्लिम गठजोड़ को देखते हुए पश्चिम यूपी के बसपा के कद्दावर नेता पूर्व सांसद बाबू मुनकाद को प्रदेश प्रभारी बनाया है।
बीएसपी बड़ी ताकत बनकर उभरेगी
नरेश गौतम उत्तराखंड में बहुजन समाज पार्टी के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष नरेश गौतम ने कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव में बसपा बड़ी ताकत के रुप में उभरेगी। बसपा के बिना किसी की भी सरकार नहीं बनेगी। उत्तराखंड की राजनीति में बहुजन समाज पार्टी तुरुप का पत्ता बनकर उभरेगी। उन्होंने कहा कि इससे पहले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भाजपा से दो-दो हाथ करने की तैयारी है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने देश को जोड़ने के बजाय बांटने का काम किया है। बसपा प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने के बाद पत्रकारों से बातचीत में नरेश गौतम ने कहा कि प्रदेश में संगठन को मजबूत करना पहली प्राथमिकता रहेगी। पार्टी के लिए समर्पित सक्रिय कार्यकर्ताओं को संगठन में तरजीह दी जाएगी। प्रदेशभर में भाजपा और कांग्रेस से निराश लोगों को जोड़ने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष नरेश गौतम ने कहा कि बसपा पहले भी अपनी ताकत का अहसास करा चुकी है। उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पटरी से उतर गई है प्रत्येक आदमी बहुजन समाज पार्टी के कार्यकाल को याद कर रहा है आज भारतीय जनता पार्टी बीमार हो गई है उसे इलाज की आवश्यकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र और प्रदेश की सरकार कोरोना संकट में पूरी तरह विफल रही है। जनता उनके फैसलों से आजिज आ चुकी है। बता दे नरेश गौतम इससे पहले सहारनपुर, मेरठ और मुरादाबाद मंडल में बसपा के जोन कोडिनेटर की जिम्मेदारी निभा चुके हैं।
बीएसपी तीसरी ताकत
वैसे चुनावों में प्राप्त वोटों के प्रतिशत के लिहाज से बीएसपी राज्य में हमेशा ही तीसरी ताकत के रूप में अपनी मौजूदगी दर्ज कराती रही है। एक समय तो राज्य की 70 सदस्यीय विधानसभा में बीएसपी के 8 विधायक हुआ करते थे।
दरअसल, सूबे के तराई क्षेत्र में हरिद्वार और उधमसिंह नगर 2 ऐसे जिले हैं जिनमें दलितों और अल्पसंख्यकों की काफी बड़ी तादाद है। इसी वजह से दोनों जिलों में बसपा का खासा जनाधार है। इन 2 मैदानी जिलों के अलावा राज्य के बाकी 11 जिलों में भी बसपा को अच्छी संख्या में वोट मिलते रहे हैं।
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