उत्तर प्रदेश की सरकार प्रदेश के 40 आईटीआई को नीजी हाथों में सौंपने की तैयारी हो चुकी हैं. जिनको दो चरणों में निजीकरण की प्रक्रिया की शुरुआत हो चुकी है पहले चरण में 16 तथा दूसरे चरण में 24 आईटीआई को निजी हाथों में सौंपा जायेगा. नये सत्र में छात्रों का प्रवेश निजी आईटीआई के रुप में होगा.
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इसके साथ ही नये प्रवेश लेने पर छात्रों पर फीस का बोझ 54 गुना तक बढ़ जायेगा. यानि आईटीआई की शिक्षा की शिक्षा से भी महंगी हो जायेगी. निजीकरण के बाद फीस 480 रूपए सालाना की जगह पर 26 हजार सालाना हो जाएगी तथा उसमे और भी अन्य फीस जोड़ दी जाएंगी जिसका बोझ अब छात्रों पर पड़ने वाला है.
उत्तर प्रदेश में अभी फिलहाल 307 सरकारी 12 महिला तथा 2391 निजी आईटीआई हैं. प्रदेश में निजी आईटीआई की एक बड़ी तादाद है और सभी निजी आईटीआई की हालत व शिक्षा क्वॉलिटी भी इतनी अच्छी नजर नहीं आती है फिर भी सरकार प्रदेश के आईटीआई का निजीकरण करने का फैसला प्रदेश के छात्रों का उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करने जैसा प्रतीत हो रहा है।
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