बीएसपी प्रमुख मायावती ने एक बार फिर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर जमकर निशाना साधते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। मायावती ने शनिवार को ट्वीट किया, ''राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहले दल-बदल कानून का खुला उल्लंघन और बीएसपी के साथ लगातार दूसरी बार दगाबाजी करके पार्टी के विधायकों को कांग्रेस में शामिल कराया और अब जग-जाहिर तौर पर फोन टेप कराके इन्होंने एक और गैर-कानूनी और असंवैधानिक काम किया है। इस प्रकार राजस्थान में लगातार जारी राजनीतिक गतिरोध, आपसी उठा-पठक व सरकारी अस्थिरता के हालात का वहां के राज्यपाल को प्रभावी संज्ञान लेकर वहां राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करनी चाहिए, ताकि राज्य में लोकतंत्र की और ज्यादा दुर्दशा न हो।''
बता दें कि राजस्थान विधानसभा में बीएसपी के 6 विधायक सरकार में विजय हो कर आए थे जिनको बसपा ने बीजेपी को रोकने के लिए कांग्रेस को बिना शर्त समर्थन दिया और बदले में कांग्रेस ने बसपा की पीठ में छुरा घोंपा था कांग्रेस के राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीएसपी को धोका देते हुए राजस्थान में बहुजन समाज पार्टी के सभी छह विधायक कांग्रेस में शामिल करा लिया था इनमें विधायक राजेन्द्र गुढा (उदयपुरवाटी), जोगेंद्र सिंह अवाना (नदबई), वाजिब अली (नगर भरतपुर), लाखन सिंह मीणा (करोली), संदीप यादव (तिजारा) और दीपचंद खेरिया (किशनगढ़ बास) ने पाला बदल लिया था। पिछले साल सितंबर में इन विधायकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात के बाद कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा की थी।
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