बहुजन समाज पार्टी (BSP) में कद्दावर नेता तथा मायावती सरकार में रहे पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी को विधान परिषद (MLC) की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया है। नसीमुद्दीन सिद्दीकी 22 फरवरी 2018 बहुजन समाज पार्टी (BSP) छोड़कर कांग्रेस पार्टी में औपचारिक रूप से शामिल हों गए थे। नसीमुद्दीन सिद्दीकी को दल बदल कानून के तहत मंगलवार को अयोग्य घोषित किया गया है. उनके कांग्रेस ज्वाइन करने के बाद बहुजन समाज पार्टी ने दल बदल कानून के तहत विधान परिषद के सभापति से नसीमुद्दीन सिद्दीकी की एमएलसी सदस्यता खारिज कराने की अपील की थी।
बता दें कि फरवरी 2018 में बहुजन समाज पार्टी के विधान परिषद में नेता सुनील चित्तौड़ की तरफ से सदस्यता को अयोग्य घोषित करने के लिए याचिका सभापति को दी गई थी, जिसपर दोनों पक्षों को कई बार सुनने के बाद सभापति विधानपरिषद ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी की सदस्यता रद्द कर दिया।
सुप्रीम कॉर्ट का आदेश:
सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट आदेश है कि सदस्यता समाप्त करने की मांग वाली अर्जी पर तीन माह के भीतर फैसला सुना देना चाहिए लेकिन यूपी विधान परिषद के चेयरमैन ने 29 मई 2019 को नसीमुददीन सिद्दीकी की सदस्यता समाप्त करने की मांग वाली अर्जी पर सुनवाई पूरी कर अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया था जो कि एक साल पूरा होने के बाद भी नहीं आया है। याचिका में कहा गया कि नसीमुददीन बसपा के टिकट पर 23 जनवरी 2015 को विधान परिषद सदस्य बने थे। उन्होने 22 फरवरी 2018 को बसपा छोड़कर कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली। जिसके बाद नेता बीएसपी विधान परिषद यूपी ने उनकी सदस्यता समाप्त करने के लिए विधान परिषद के चेयरमैन के समक्ष याचिका दी।
आगे देखिये: #बसपा_देश_की_जरूरत हुआ ट्विटर पर ट्रैंड।
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