बसपा प्रमुख बहन कुमारी मायावती जी मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए मध्यप्रदेश के गुना पुलिस व प्रशासन द्वारा अतिक्रमण के नाम पर दलित परिवार को कर्ज लेकर तैयार की गई फसल को जेसीबी मशीन से बबार्द करके उस दम्पत्ति को आत्महत्या का प्रयास करने को मजबूर कर देना अति-क्रूर व अति-शर्मनाक। इस घटना की देशव्यापी निन्दा स्वाभाविक। सरकार सख्त कार्रवाई करे।
एक तरफ बीजेपी व इनकी सरकार दलितों को बसाने का ढिंढोरा पीटती है जबकि दूसरी तरफ उनको उजाड़ने की घटनाएं उसी तरह से आम हैं जिस प्रकार से पहले कांग्रेस पार्टी के शासन में हुआ करती थी, तो फिर दोनों सरकारों में क्या अन्तर है? खासकर दलितों को इस बारे में भी जरूर सोचना चाहिए।
क्या गुनाह किया था इन्होंने, कोई जबाब है मध्यप्रदेश सरकार के पास दलितों के प्रति संवेदना ना बीजेपी के पास है ना काँग्रेस के पास है, बहुजनों को खास करके उसमें से दलितों को अब सोचना होंगा, अपनी हितैषी पार्टी को चुनना होगा। बता दें कि कभी सरकार और पुलिस का ऐसा ज़ोर राजनीतिक संरक्षण में फले फूले भू माफियाओं के खिलाफ देखा है? MP के गुना में गरीब किसान ने सरकारी ज़मीन पर कुछ खेती करी तो जातिवादी प्रदेश सरकार की नीति और पुलिस की क्रूरता के कारण गुना में दलित किसान ने जहर पी लिया। शिवराज जी सिंधिया जी आपकी सरकार दलित, आदिवासी, किसान विरोधी है। कॉलेज बनाने के लिए आपको गरीब किसान की ही भूमि दिखाई दी है क्या? प्रशासन JCB लेकर पहुंचा और ऐसी बर्बरता दिखाई की दम्पति ने अपने बच्चों के सामने ही कीटनाशक पी लिया। बच्चें बिलखते हुए अपने माँ बाप को पिटते हुए हुए देखते रहे । परिवार ने कहा था कि हमारी फसल मत काटो हम खाएंगे क्या, लेकिन उनकी एक ना सुनी, ये कोई मामूली घटना नही है, आज भी दलितों का उत्पीड़न खत्म होने का नाम नही ले रहा है। जो कौम जुल्म के खिलाफ आवाज नही उठाती वो कौम लाशें उठाती हैं. आये दिन दलितों पर अत्याचार हो रहे हैं पर पूना पैक्ट से बने नेताओ ने अपने समाज पर हो रहे अत्याचारो के खिलाफ कभी आवाज नही उठाई यह हकीकत हैं. पहले इन सब बातों पर बहुजन समाज को सोचना पड़ेगा क्योंकि अभी नहीं तो कभी नहीं।
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देश के अन्दर यह कब तक होता रहेगा? क्या इन गरीबों के लिए कभी न्याय मिल सकेगा। मंचों पर भाषण कुछ औश्र व जमीन पर कुछ और हो रहा है?
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