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मायावती जी दक्षिण भारत में करेंगी बसपा का विस्तार, तमिलनाडु-केरल और कर्नाटक में बढ़ाएंगी जनाधार।

उत्तर प्रदेश के बाद अब मायावती जी बसपा की दूसरे राज्यों में जमीन तलाशने के लिए लगातार कोशिश कर रही हैं. अब बसपा प्रमुख देश के दक्षिण भारत में पांव जमाना चाहती हैं. वह तमिलनाडु-केरल और कर्नाटक में जनाधार बढ़ाएंगी. उन्होंने स्थानीय संवेदनशील राजनीतिक मुद्दों पर चिंता जाहिर की है, लेकिन इन पर अपनी पार्टी का रुख पूरी तरह स्पष्ट करने की बजाए वह 'मध्य मार्ग' पकड़ती दिखती हैं.दरअसल, शनिवार को नई दिल्ली में बसपा सुप्रीमो ने वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ बैठक की। 

दक्षिण भारत में बढ़ाएंगी जनाधार
ऐसे में उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए बताया कि पश्चिम के महाराष्ट्र, गुजरात और दक्षिण भारत के कर्नाटक, तमिलनाडु व केरल में पार्टी संगठन के गठन की तैयारी है. वहां जनाधार मजबूत करने के लिए मंथन किया गया. पार्टी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए गए हैं कि पार्टी के दिशा-निर्देश के आधार पर संगठन के काम में तन-मन-धन से जुट जाएं. बसपा सुप्रीमो ने इन राज्यों के उन ज्वलंत मुद्दों पर दी गई अपनी राय भी साझा की, जिन पर उन्होंने अपने पदाधिकारियों के साथ चर्चा की है.

क्या रहा बसपा सुप्रीमो का रुख?
जैसे कि जनगणना के बाद लोकसभा सीटों का परिसीमन, नई शिक्षा नीति और त्रिभाषा मॉडल. यह ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर दक्षिण के राज्यों और केंद्र सरकार के बीच खींचतान चल रही है. अब त्रिभाषा मॉडल पर बीजेपी शासित महाराष्ट्र में भी विपक्ष ने विरोध शुरू कर दिया है. खास तौर पर त्रिभाषा मॉडल पर देश के अधिकतर राजनीतक दलों का रुख स्पष्ट है. राजग के घटक दल सरकार के फैसलों के समर्थन में तो आइएनडीआइए के घटक दल खुलकर विरोध में हैं, लेकिन मायावती ने रुख स्पष्ट नहीं किया। 


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