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आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का पुतला फुका, आखिर हड़ताल पर क्यों हैं दिल्ली की आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां, क्या हैं उनकी मांगें?


दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका अपनी मांगों को लेकर 6 दिनों से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर बैठे हैं उनके मानदेय में वृद्धि, पेंशन, बीमा जैसी सुविधाओं और सरकारी कर्मचारी के दर्जे की मांग को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के पास 31 जनवरी को सैकड़ों आंगनवाड़ी कार्यकर्ता जमा हो गईं। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का कहना है कि उन्हें 2018 में घोषित वेतन वृद्धि अभी तक नहीं मिली है, लेकिन दिल्ली सरकार ने उनका मानदेय घटा दिया और उनके काम का बोझ भी बढ़ा दिया। दिल्ली स्टेट आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स यूनियन के बैनर तले प्रदर्शन का आयोजन हुआ था। साथ ही अपनी मांगों का ज्ञापन भी  आईसीडीएस को पहले ही सौंपा जा चूका है।

आज आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने दिल्ली सचिवालय के सामने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का पुतला दहन किया। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने अरविंद केजरीवाल के पुतले को जूतों की माला पहनाकर पुतला दहन किया। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगों को सरकार नहीं मानती हैं तब तक उनका अनिश्चतकालीन धरना प्रदर्शन जारी रहेगा।

बता दें कि दिल्ली में अब एमसीडी चुनाव नजदीक आ चुके है जिसको लेकर पार्टियां एजेंडा चला कर सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है जिसमें दिल्ली स्टेट आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स यूनियन के बैनर तले प्रदर्शन का आयोजन हुआ है। जिसकी यूनियन की अध्यक्षा शिवानी कौल ने सरकार को अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रही है। जिसमें उनके द्वारा सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को हड़ताल पर नहीं आने पर धमकाया भी जा रहा है और उनके आंगनवाड़ी केंद्रों को टारगेट करते हुए आंगनवाड़ी केंद्रों में तोड फोड़ कराने के साथ आंगनवाड़ी के रिकॉर्ड तक को जलाया जा रहा है जिससे डर से आंगनवाडी  कार्यकर्ताओं द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्र को बंद कर दिया गया। जबकि आईसीडीएस डिपार्टमेंट द्वारा इस ओर अभी कोई भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है साथ है यूनियन की अध्यक्षा शिवानी कौल के द्वारा आंगनवाड़ी सुपरवाइजर और सीडीपीओ को भी धमकाया जा रहा है। 

बता दे कि दिल्ली के आंगनवाड़ी केंद्रों में लगभग 22 हजार कार्यकर्ता और सहायिका कार्यरत हैं। जिसमें आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 9,678 रुपये मासिक मानदेय और सहायिकाओं को 4,839 रुपये का मानदेय मिलता है। जिसमें की आईसीडीएस डिपार्टमेंट का कहना है कि उनकी ड्यूटी 9 बजे से 2 बजे तक ही होती है जिसमें 5 घंटो की सर्विस के अनुसार उनको उनका मानदेय दिया जाता है। जिसमें उनके अन्य इनसेंटिव अलग से प्राप्त होते है जिसमें फोन का बिल, PMMVY इनसेंटिव, पोषण इनसेंटिव, CBE इनसेंटिव आदि शामिल हैं।

31 जनवरी से लाल झंडा थामे दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर इकट्ठा हुईं, जब उन्होंने अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की। ये महिला कार्यकत्री, जो देश के प्रारंभिक बचपन देखभाल कार्यक्रम की रीढ़ हैं, ये कार्यकत्रियां बढ़े हुए मानदेय और एक सरकारी कर्मचारी की दर्जे की मांग कर रहीं हैं
प्रदर्शनकारी कार्यकत्रियों ने कहा कि केंद्र और राज्य दोनों सरकारों द्वारा घोषणाओं और आश्वासनों के बावजूद, उन्हें अभी तक उनका सही बकाया नहीं मिला है। उन्होंने कहा, "हम सरकारी कर्मचारी का दर्जा चाहते हैं क्योंकि हम देश की रीढ़ हैं।" वहीं प्रदर्शनकारियों की मांग है कि, आंगनवाड़ी कार्यकताओं को 25 हजार रुपये और हेल्पर्स को 20 हजार रुपये मासिक मानदेय दिया जाए।



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