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दिल्ली में अपनी मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने किया विरोध प्रदर्शन


नई दिल्लीः आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका यूनियन व आंगनबाड़ी वर्कर्स हेल्पर कमेटी के आह्वान पर दिल्ली प्रदेशव्यापी हड़ताल के तहत कार्यकर्ता सोमवार को  हड़ताल पर रही। सोमवार को कार्यकर्ताओं ने विकास भवन के बाहर सैकड़ाें की संख्या में अपना विरोध प्रर्दशन किया आंगनबाड़ी कर्मी  ने आंगनवाड़ी यूनियन की लीडर शिवानी कौल की अध्यक्षता में दिल्ली में सीएम अरविन्द केजरीवाल के घर के पास सिविल लाइन में बड़ा धरना प्रदर्शन दिया। जिसमे दिल्ली की हजारों आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने भाग लिया जिन्होंने अपनी मुख्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर विरोध जताया।

राजधानी दिल्ली में सोमवार को विकास भवन के बाहर सैकड़ाें की संख्या में आंगनबाड़ी कर्मी सड़क पर धरने पर बैठ गयी. आरोप है कि कर्मियों का मानदेय में आखिरी बार वर्ष 2017 में वृद्धि की गई थी. इसके बाद से कोई भी वृद्धि नहीं की गई है. दिल्ली सरकार से कई बार वेतन बढ़ोत्तरी की मांग की गई, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हो सकी है.आंगबाड़ी कर्मियां पूरी तैयारी के साथ पहुंची थीं. उनके हाथाें में पोस्टर और बैनर थे. वे लगातार नारे लगा रही थी. प्रदर्शनकारियाें ने कहा कि वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. जबतक उनकी मांगे पूरी नहीं की जाएंगी हड़ताल जारी रहेगी. बता दें कि इससे पहले भी आंगनबाड़ी कर्मियों ने दिल्ली में मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरना प्रदर्शन किया था. इसलिए इस बार वे अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल की बात कर रही हैं।

आज आंगनबाड़ी केंद्रों पर ताले मिले वहीं एक तरफ महिला और बाल विकास मंत्रालय किसी भी तरह आंगनवाडी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को हड़ताल पर नहीं जा सके उसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए थे फिर भी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अपनी मांगों को लेकर अनिश्चित कालीन हड़ताल पर गई है। यूनियन लीडर शिवानी कौल ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की लंबित मांगों के समाधान नहीं होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। उल्लेखनीय है कि सरकार की विभिन्न योजनाएं आंगनबाड़ी केंद्रों से संचालित हो रही है। महिलाओं व नौनिहालों का अनमोल जीवन बचाने में आंगनबाड़ी केंद्रों की महती भूमिका है, लेकिन सरकार बेहद मामूली मानदेय पर काम कर रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं की वाजिब मांगों की अनदेखी से उनमें भारी रोष है। साथ ही उनसे अन्य डिपार्टमेंट के लिए भी उनकी सेवा ली जाती हैं परन्तु उनको उनके कार्य का  भी पेमेंट उनको नहीं दिया जाता है।

आंगनबाड़ी कर्मियाें की प्रमुख मांगे:
1. अक्टूबर 2018 से लागू मानदेय वृद्धि की बकाया राशि का तुरंत भुगतान किया जाए
2. आंगनबाड़ीकर्मियों को रिटायरमेंट की सुविधा दी जाए
3. सहेली समन्वय केंद्र खोलने व नई शिक्षा नीति के फैसले वापस लिए जाएं
4. आंगनबाड़ी कर्मियों के कार्य दिवस को बढ़ाने का फैसला तत्काल वापस लिया जाए
5. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए
6. ईएसआई, पीएफ और पेंशन जैसी सुविधाएं मुहैया कराई जाए
7. सामाजिक सुरक्षा कार्ड दिये जाए
8. आंगनबाड़ी केंद्रों पर सूखे खाने को नियमित किया जाए
9. फोन और इंटरनेट बिल का भुगतान नियमित हाे
10. डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम रद्द की जाए
11. पोषण ट्रैकर एप बंद किया जाए
12. आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को कोरोना वारियर्स घोषित किया जाए।

वहीं यूनियन की मीडिया प्रभारी वृषाली श्रुति ने बताया कि सरकार आंगनवाड़ीकर्मियों के हितों के साथ न्याय नहीं कर रही हैं। मंहगाई बढ़ रही है लेकिन आँगनवाड़ी कर्मियों के मानदेय में कटौती की जा रही है। 

मानदेय बढ़ाने के प्रधानमंत्री का वादा लागू नहीं

वृषाली ने कहा कि 11 सितंबर 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ऑनलाइन बैठक में कहा था कि आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में इजाफा किया जाएगा लेकिन तीन साल बीतने पर भी अभी तक संशोधित दरों को लागू नहीं किया गया है.

उन्होंने कहा कि हालांकि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए 1,500 रुपये की बढ़ोतरी और सहायिकाओं के लिए 750 रुपये की मामूली बढ़ोतरी का ऐलान किया गया था लेकिन उस धनराशि का भी भुगतान नहीं किया गया।

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