देश में भाजपा सरकार आने के बाद बेरोजगारी दिनों दिन बढ़ती ही जा रही हैं जहां भाजपा सरकार युवाओं को हर साल दो करोड़ रोजगार के सपने दिखा कर सत्ता में काबिज हुई परन्तु उसके बाद सरकार ने युवाओं की अनदेखी की साथ ही रोज़गार को खतम करने पर लग गई जिससे देश में बेरोजगारी अपने चरम पर पहुंच गई है साथ ही सरकार देश के सरकारी संस्थानों का निजीकरण के नाम पर बेरोजगारी को अपने 70 सालों के इतिहास में सबसे खराब स्तिथि में पहुंचा दिया है जिससे खिलाफ युवाओं का सरकार के खिलाफ देश भर में आवाजें उठ रही हैं और मोदी सरकार के खिलाफ हल्ला बोल का आंदोलन का बुधवार यानी 9 सितंबर को इसे लेकर रात 9 बजे 9 मिनट कैंपेन चलाया गया। इस दौरान देश के तमाम हिस्सों में लाखों युवाओं ने अपने घरों में अंधेरा कर और मोमबत्ती जलाकर मोदी सरकार का विरोध किया। ये युवा ऐसा कर देश में बढ़ती बेरोज़गारी, निजीकरण के ख़िलाफ़, भर्ती प्रक्रिया में लेट लतीफी, सरकारी सेवाओं में कम होते अवसर तथा केंद्र व राज्य सरकार द्वारा नए पदों पर कोई भी विज्ञापन जारी नहीं करने को लेकर 9 बजे 9 मिनट तक मशाल ताली,थाली बजाने मोमबत्ती और दीए जला कर विरोध किया।
युवाओं के बेरोज़गारी निजीकरण के खिलाफ इस आंदोलन में देखते ही कई राजनैतिक पार्टियां भी सामने आ गई जिनका युवाओं को समर्थन मिला। ये पूर्ण रूप से युवाओं का आंदोलन था जिसको उन्होंने अपनी आवाज को बुलंद करते हुए सरकार को चेतावनी देते हुए सरकार का विरोध किया और अपनी मांगे सरकार के सामने सोशल मीडिया पर साझा की। सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर पर #9बजे9मिनट ट्रेंड को देश ही नहीं वर्ल्ड वाइड टॉप ट्रेंड में बना रहा। देश में लाखो युवाओं ने उसमे अपने वीडियो तस्वीरें पोस्ट के साथ इस हैशटैग के साथ ट्वीट किए।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपनी पत्नी डिंपल यादव के साथ मोमबत्ती जलाकर युवाओं का समर्थन किया और राजद नेता बिहार में तेजस्वी यादव ने अपनी मां और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के साथ इसको समर्थन किया अखिलेश यादव ने इसकी तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया कि आज आनेवाले कल के बदलाव का इतिहास लिख दिया सियासत के आसमान पर रोशनी से इंक़लाब लिख दियाआज युवाओं ने भाजपा के शासनकाल की उल्टी गिनती की शुरूआत कर दी है. हमने नौजवानों की ख़ातिर मोमबत्तियाँ जलाकर हमेशा की तरह आज भी उनका साथ दिया है और देते रहेंगे.
#9Baje9Minute #9बजे9मिनट
सरकार के लिए ताली, थाली बजाने और दिया जलाने के लिए अमिताभ से लेकर अक्षय कुमार तक कई बड़े बड़े अभितेना अभिनेत्रियों खड़े थे। लेकिन देश की बेरोज़गारी और युवाओं के भविष्य के लिए दिया जलाने कोई नहीं आया? ना ही मीडिया के द्वारा उतनी कवरेज मिली जितनी मीडिया में होनी चाहिए। मीडिया भी युवाओं की आवाज को दबाने का तथा सरकार की नीति के तहत कार्य करती दिखाई दे रही है जिससे मीडिया की भूमिका व विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होते हैं।
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