यूपी के आगरा के थाना अछनेरा के रायभा गांव में एक दलित नट महिला के शव को शमशान घाट में अंतिम संस्कार करने पर सवर्ण लोगों द्वारा रोका जाना अब बड़े पैमाने पर तूल पकड़ लिया हैं जब बीएसपी प्रमुख मायावती जी ने ट्वीट के बाद उत्तर प्रदेश की सरकार तथा आगरा पुलिस और प्रशासन हरकत में आया जिससे पुलिस प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है।
क्या हैं मामला
21 जुलाई मंगलवार को महिला की मौत के बाद जब परिवार जन अंतिम संस्कार के लिए शव लेकर शमशान पहुंचे कुछ जातिवादी मानसिकता रखने वाले सवर्ण समाज के लोगों द्वारा एक महिला के शव का शमशान में अंतिम संस्कार करने से इसलिए रोक दिया गया कि वह महिला दलित समाज से आती हैं और कहीं दूसरी जगह अंतिम संस्कार करने को कहा। दबाव बढ़ता देख परिवार के लोगों ने शव को वहां से ले जाकर दूसरी जगह महिला का अंतिम संस्कार किया। ये मामला सोशल मीडिया में वायरल हो गया।
मायावती जी का ट्वीट
इस मामले पर संज्ञान लेते हुए बहुजन समाज पार्टी की मुखिया बहन मायावती जी द्वारा ट्वीट किया गया कि यू.पी. में आगरा के पास एक दलित महिला का शव वहाँ जातिवादी मानसिकता रखने वाले उच्च वर्गों के लोगों ने इसलिए चिता से हटा दिया, क्योंकि वह शमशान-घाट उच्च वर्गों का था, जो यह अति-शर्मनाक व अति-निन्दनीय भी है। इस जातिवादी घृणित मामले की यू.पी., सरकार द्वारा उच्च स्तरीय जाँच होनी चाहिये तथा दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिये, ताकि प्रदेश में ऐसी घटना की फिर से पुनरावृति ना हो सके, बी.एस.पी की यह पुरजोर माँग है। साथ ही, मध्यप्रदेश के दलित परिवार में जन्मे दिल्ली के एक डाक्टर की कोरोना से हुई मौत अति-दुःखद। दिल्ली सरकार को भी अपनी जातिवादी मानसिकता को त्यागकर उसके परिवार की पूरी आर्थिक मदद जरूर करनी चाहिये, जिन्होंने कर्जा लेकर उसे डाक्टरी की पढ़ाई कराई।
मायावती जी के ट्वीट के बाद आगरा प्रशासन और पुलिस विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। आगरा एसएसपी बबलू कुमार द्वारा मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं तथा दोषियों के खिलाफ जल्दी करवाई करने आश्वासन दिया है।
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